जब छेदू चमार का परचा हुआ खारिज तो उसने लगाया जिलाधिकारी पर संगीन आरोप
सीओ ने जिस प्रत्याशी को नामांकन के दिन धक्के मारकर किया था बाहर आज उसका पर्चा हुआ खारिज
कौशांबी जिले में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले छेद्दु चमार का पर्चा खारिज हुआ है। छेद्दु का आरोप है कि पर्चा खारिज होने पर जब उसने जिला निर्वाचन अधिकारी से जानकारी मांगी तो उसे धक्का मार कर बाहर निकाल दिया गया। इसके साथ ही छेद्दु ने आरोप लगाया कि नामांकन वाले दिन सीओ मंझनपुर ने धक्का मारकर भगाया था जिसका वीडियो वायरल हुआ और उसे लोकप्रियता मिली, इसी डर से उसका पर्चा जबरन खारिज किया गया है।
शनिवार को नामांकन पत्र की जांच के दौरान छेद्दु को पता चला कि उसका पर्चा खारिज हो गया है। छेद्दु का आरोप है कि पर्चा खारिज होने की जानकारी मिलने पर जब उसने जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार राय से चाही तो उन्होंने उसे डाट कर भगा दिया। इतना ही नहीं उसका आरोप है कि वहां पास मौजूद कर्मचारी और पुलिस कर्मियों ने उसे धक्के मार कर परिसर से बाहर निकाल दिया।
छेद्दु ने आरोप लगाया कि वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जबरन उसका पर्चा खारिज किया है। इसके साथ ही छेद्दु ने जिलाधिकारी के बिके होने का आरोप लगाया है।
बृहस्पतिवार को नामांकन कक्ष से निकलने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर आने पर अपने अंदाज में लोगो का अभिवादन नगड़िया बजाकर किया था। जैसे उन्होंने नगड़िया बजाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया तो यह बात को मंझनपुर सत्येंद्र तिवारी को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने मीडिया के सामने ही छेद्दु को धक्का मार कर बाहर का रास्ता दिखाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।
इस वीडियो के बारे में होने के बाद छेद्दु को जनता से काफी सहानुभूति भी मिल रही थी। आरोप है कि इसी लिए उसका पर्चा ख़ारिज किया गया है।
तहसील के तैबापुर शमशाबाद निवासी छेद्दू चमार घर-घर बर्तन बेचकर अपना गुजारा करते हैं। वर्ष 2000 में शमसाबाद क्षेत्र पंचायत से अपने सगे चाचा धर्मराज को 195 मतों से शिकस्त देकर क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) निर्वाचित हुए थे।
बीडीसी निर्वाचित होने के बाद पिछले 24 वर्षों के राजनीतिक सफर में वह अब तक क्षेत्र व ग्राम पंचायत के अलावा लोकसभा और विधानसभा के दो-दो और जिला पंचायत के तीन चुनाव लड़ चुके हैं। छेद्दू का चुनाव लड़ना उनका जुनून है। इसके लिए वह अपनी तमाम जरूरतों में कटौती करते हैं और रूखी-सूखी रोटी खाकर धन बचाते हैं ताकि चुनाव का खर्च निकल सके।
छेद्दू क्षेत्र में साइकिल से घूम-घूम नगड़िया बजाकर अपना चुनाव प्रचार करते हैं। उनके गले में एक बैनर होता है, जिस पर अपील लिखी रहती है और दूसरे हाथ में नगड़िया जिसको बजाकर वह लोगों का आकर्षण अपनी ओर करते हैं और उनसे बोर्ड में लिखी अपील लोगो से करते हैं।