जब तहसीलदार अपनी बेटी को प्राइमरी स्कूल लेकर पहुंचे
यूं तो सरकारी स्कूलों पर गरीबों के स्कूल होने का ठप्पा लगा हुआ है । शायद यही कारण है कि अच्छे घरों के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से कतराते हैं ।
लेकिन सोमवार को सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील में तैनात तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव अपनी बेटी श्रेया कुमारी के दाखिले के लिए कम्पोजिट विद्यालय दुद्धी प्रथम में पहुंचे तो वहां मौजूद टीचर हैरान रह गए । तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव सबसे पहले प्रधानाध्यापक कक्ष पहुँचे ।जहाँ नए प्रवेश दिलाने के लिए कागजी औपचारिकताओं को पूरा किया । तहसीलदार की इस पहल के बाद न सिर्फ टीचर बल्कि आमजन भी काफी खुश हैं और उनके इस कार्य की सराहना कर रहे हैं ।
तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव ने बताया कि ढाई साल पहले भी वे यहां तैनात थे । उस समय भी उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला इसी स्कूल में कराया था । एक बार फिर यहां तैनाती मिलने पर अपनी बेटी का दाखिला कराने आया हूँ ।
तहसीलदार की इस पहल से स्कूल के टीचर फूले नहीं समा रहे। उनका कहना है कि एक बड़े अधिकारी के इस पहल से न सिर्फ विद्यालय का सम्मान बढ़ा है बल्कि और लोगों को भी सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रेरित करेगा ।
बहरहाल तहसीलदार का यह पहल निश्चित तौर पर काफी सराहनीय है । यदि यही सोच सभी सरकारी कर्मचारी व टीचर रखने लगे तो निश्चित तौर पर न सिर्फ सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलेगी बल्कि सरकार को ऑनलाइन हाजिरी लेने की नौबत भी नहीं आएगी ।