जिलाधिकारी से मिलकर डीआईओएस व पटल सहायक के भ्रष्टाचार की शिकायत
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने जिला विद्यालय निरीक्षक व उनके पटल सहायक के विरुद्ध मोर्चा खोला
जिला विद्यालय निरीक्षक व उनके पटल सहायक द्वारा ग्रेच्युटी, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, स्थानांतरण, पदोन्नति व एरियर भुगतान के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप
◾◾◾
संतकबीरनगर। जिला विद्यालय निरीक्षक व पटल सहायक के भ्रष्टाचार से नाराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलकर 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष महेश राम ने जिलाधिकारी को बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक व उनके पटल सहायक नकुल कुमार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
बिना रिश्वत लिए प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों व प्रबंधकों के कोई काम नहीं किए जा रहे हैं। शिक्षकों के चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति, स्थानातारण, ग्रेच्युटी भुगतान, एरियर भुगतान जैसे सभी प्रकरण में खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है। हस्तक्षेप करने वाले शिक्षक नेताओं से दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
जिलाधिकारी सौंपे शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण व छात्र आवंटन के नाम पर जनपद के सहायता प्राप्त व वित्तविहीन विद्यालय के प्रबंधक प्रधानाचार्यों से खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है। रिश्वत लेने के उपरांत अनेक ऐसे विद्यालय भी परीक्षा केंद्र बना दिए गए जो परीक्षा केंद्र लायक नहीं थे।
मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजना "प्रोजेक्ट अलंकरण योजना" भी जिला विद्यालय निरीक्षक की लापरवाही के कारण जिले में दम तोड़ रही है। आवेदन करने के बावजूद भी जनपद का कोई भी विद्यालय प्रोजेक्ट अलंकार योजना का लाभ नहीं ले पाया। दुधारा, पचपोखरी, सिकरी, पंचपोखरी, मुड़ाडीहा बेग, नेहरू कृषक इंटर कॉलेज, मौलाना आजाद इंटर कॉलेज एस्टीमेट ना मिलने के कारण योजना का लाभ नहीं ले पाए।
शिकायती पत्र में कहा गया गया है कि जनपद में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का 18 माह से वेतन भुगतान नहीं हुआ है। सरकार के आदेश से इनका वेतन भुगतान होना है किंतु रिश्वत के कारण वेतन भुगतान की पत्रावली जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत करने के बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है।
कार्यालय में प्राइवेट कर्मचारियों को ठीके पर रखा गया है, जो जितना अधिक कमाकर देता है उसको उतना ही महत्वपूर्ण पटल की जिम्मेदारी दी गई है। कार्यालय में अनेक ऐसे लिपिक विभिन्न जिम्मेदार पटल पर काम कर रहे हैं जो विभाग में ना तो नियमित रूप से नियुक्त हैं और ना ही सेवाप्रदाता के रूप में ही नियुक्त है, फिर भी काम कर रहे है। इन्हें तत्काल कार्यालय से हटाया जाए।
शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि श्री जगद्गुरु शंकराचार्य इंटर कॉलेज मेहदावल व उमरिया बाजार इंटर कॉलेज उमरिया बाजार के प्रबंध समिति का चुनाव समय से कराकर पत्रावली हस्ताक्षर प्रमाणन हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया था, किंतु आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे जिला विद्यालय निरीक्षक और उनके पटल सहायक श्री नकुल कुमार रिश्वत के चक्कर में विद्यालय प्रबंध समिति को कालातीत घोषित कर एकांकी संचालन कर दिए। जिसे संयुक्त शिक्षा निदेशक महोदय ने समाप्त कर दिया फिर भी जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उक्त दोनों प्रबंधकों का हस्ताक्षर प्रमाणित नहीं किया जा रहा है, और निरंतर पटल सहायक के माध्यम से रिश्वत की मांग की जा रही है।
शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने फरवरी 2024 तक एनपीएस राज्यांश का बजट निर्गत कर दिया है, किंतु कर्मचारियों के प्रान एकाउंट मार्च 2023 तक की कटौती ही प्रदर्शित हो रही है। कर्मचारियों के वेतन से कटौती की गई एनपीएस की धनराशि कहा जा रही है, इसका हिसाब जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नही दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय इंटर कालेज पारस नगर बेलहर के 4 शिक्षकों को विद्यालय के प्रबंधक, प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक व पटल सहायक से मिलकर प्रताड़ित कर रहे है। झूठा आरोप लगाकर प्रबंधक द्वारा 4 शिक्षकों के रोक गए चयन वेतनमान के प्रस्ताव को रिश्वत लेकर संस्तुति प्रदान कर दी, और अब पीड़ित शिक्षकों को अपील करने के लिए आदेश की छाया प्रति भी नही दे रहे है। नवनियुक्त शिक्षको के वेतन अवशेष भुगतान के नाम पर भी प्रति शिक्षक 35 सौ रुपए रिश्वत मांगा जा रहा है। शिक्षकों के सभी बकाया एरियर का भुगतान अविलंब किया जाए।
पत्र की प्रतिलिपि पंजीकृत डाक से मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, मंडलायुक्त बस्ती मंडल, शिक्षा निदेशक माध्यमिक, संयुक्त शिक्षा निदेशक बस्ती मंडल को भी भेजी गई है। इस दौरान जिला मंत्री गिरिजानंद यादव, विजय यादव, विंध्याचल सिंह, पुनीत कुमार त्रिपाठी, जयहिंद, अफजल खान, जितेंद्र कुमार, जय प्रकाश गौतम सहित अनेक लोग मौजूद रहे।