तंत्र-मंत्र के चक्कर में पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा
कौशांबी जिले की जनपद एंव सत्र न्यायालय के त्वरित न्यायाधीश द्वितीय आभा पाल ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में साढ़ू व उसके बेटे की बलि चढ़ाने के मामले में पति-पत्नी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोनो दोषियों पर 15-15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
अपर शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार चौधरी के मुताबिक चायल कस्बा निवासी शकील अहमद ने 20 नवंबर 2020 को पिपरी थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके भाई नौसे के घर का दरवाजा दो दिन से बंद था।
ग्रामीणों की मौजूदगी में दरवाजा खोलने पर नौसे व उसके तीन वर्षीय बेटे एहराम मृत अवस्था में मिले। जबकि नौसे की पत्नी गुलनाज अचेत अवस्था में मिली। जिन्हें चाकुओं से गोद कर मारा गया था। शकील की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जांच में मृतक की पत्नी गुलनाज ने बताया कि बहन नूरी व बहनोई सफदर अली ने अपने बेटे अनस के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने तीनों को पकड़कर पूछताछ की तो उन्होंने अपराध स्वीकार किया। पूछने पर उन्होंने बताया कि नौसे से सभी ने कहा कि तंत्र-मंत्र के जरिये वह चमत्कार करेंगे। इसके बाद नौसे के बेटे एहराम को चाकू से गोद मार डाला। तंत्र विद्या का प्रयोग कर एहराम को जिंदा करने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इससे घबराकर सभी ने नौसे की भी हत्या कर दिया। विवेचना के बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी गुलनाज समेत चारों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मामले का विचारण त्वरित न्यायालय द्वितीय में किया गया।
अभियोजन की ओर से कुल छह से अधिक गवाहों को परीक्षित कराया गया। उभय पक्षों के तर्कों को सुनने और पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने सफदर अली व उसकी पत्नी नूरी को दोष सिद्ध पाते हुए सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनो पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जबकि मृतक की पत्नी गुलनाज की जेल में ही मौत हो गई थी तथा नाबालिग आरोपित अनस की पत्रावली किशोर न्यायालय में लंबित है।