पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 25 लोंगों ने आतंकियों और नक्सलियों को सप्लाई किये थे जिंदा कारतूस, हुआ खुलासा
कारतूस कांड : जिस में पुलिस व अर्धसैनिक बलों के शस्त्रागारों से कारतूस, गोली बारूद को आतंकियों और नक्सलियों को सप्लाई किये जाने का खुलासा हुआ था।
10 अप्रैल 2010 को रामपुर सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वालानगर में रेलवे क्रासिंग के पास से पुलिस ने सीआरपीएफ के दो हवलदार विनोद और बिनेश पासवान को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने उनके कब्जे से भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे। आरोपियों से कारतूस, इंसास रायफल और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
इसके बाद एसटीएफ ने दोनों की निशानदेही पर इलाहाबाद पीएसी से रिटायर्ड एक दरोगा यशोदानंदन, मुरादाबाद पीटीसी के एक अरमोरर नाथीराम सैनी समेत बस्ती, गोंडा, बनारस समेत कई जिलों से पुलिस व पीएसी के आरमोरर को गिरफ्तार किया गया था।
एसटीएफ ने इस मामले की तफ्तीश के बाद इस प्रकरण की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज ईसी एक्ट विजय कुमार की कोर्ट में चल रही थी।जिसमे दोनों पक्षों की बहस पूरी गई थी।
एडीजीसी प्रताप मौर्या ने बताया कि मुख्य आरोपी की मौत हो चुकी है। इसके अलावा विनोद पासवान और विनेश कुमार सीआरपीएफ के आरक्षी हैं तथा नाथीराम उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात थे।
यह सभी लोग जमानत पर थे फिलहाल निर्णय सुनाने के लिए अदालत में इन्हें कस्टडी में लिया था तथा दोषी करार देने के बाद जेल भेज दिया था।
आज इस मामले में न्यायालय ने दोषियों को 10-10 साल।कारावास तथा 10-10 हज़ार रुपये अर्थदंड की सज़ा सुनाई।
सरकारी वकील प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि उसमें 29 अप्रेल 2010 को एसटीएफ के अमोद कुमार द्वारा एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया था जिसमें तीन लोगों को अरेस्ट किया गया था विनोद पासवान, यशोदानंद और विनेश कुमार और उनसे बरामदगी हुई थी।
यशोदा नंद से 175000 रुपया बरामद हुआ था तथा इसने पीटीसी मुरादाबाद से नाथूराम सैनी को गिरफ्तार कराया था और उससे भी बरामदगी हुई थी जिसका मुकदमा मुरादाबाद में पंजीकृत कराया गया फिर उसी में एक डायरी इनके के द्वारा बरामद कराई गई तथा अपने पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद उस डायरी के आधार पर विवेचना आगे बढ़ते हुए 25 लोगों के खिलाफ चार सीट न्यायालय में दाखिल की गई जिसमें दोहराने मुकदमा एक्यूज्ड यशोदानंद की डेथ हो गई बाकी 24 लोगों के खिलाफ यह मुकदमा यहां पर विचाराधीन था जिसमें स्पेशल जज ईसी एक्ट विजय कुमार सेकंड द्वारा कल इनको दोषी करार दिया गया और आज सजा सुनाई गई। उन्होंने पाया कि इनको 10-10 वर्ष की सजा और 10-10 हज़ार रुपए फाइन आज सुनाया गया।
आर्म्स एक्ट में 7 साल की और 10-10 हज़ार रुपए फाइल इसमें विनोद पासवान और और विनेश कुमार को दी गई। यह दोनों सीआरपीएफ के जवान थे यह कारतूस प्रकरण का मामला था जिसमें बरामद की हुई थी सीआरपीएफ से ले जाने के बाद में नक्सलियों को, आतंकवादियों को देना पाया गया। यह मुक़दमा 13 वर्ष चला और 13 वर्ष के बाद यह ऐतिहासिक निर्णय आज आया है।