उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास ट्यूब बदलने के पैसे नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ जहाँ चुनावों से पहले प्रदेश की दशा सुधारने और आम जनता को दिये जाने वाली सुविधाओं व अपने कामो के लंबे लंबे दावे ठोकती है। वही दूसरी तरह परिवहन विभाग के पास इतने पैसे नही की वो अपने विभाग की बसों के टियूब तक बदलवा सके।जी हां चौंका देने वाला मामला लखनऊ से रुपईडीहा जाने वाली रोडवेज बस का सामने आया है। जो बस देर शाम यात्रियों को लेकर लखनऊ से रुपईडीहा के लिये रवाना होती है, पर रास्ते मे ही बस अचानक पंचर हो जाती है।
अब चौकाने वाली बात यह है कि सरकारी बस के कंडेक्टर और ड्राइवर के पास इतना अधिकार भी नही कि रात बिरात रास्ते मे बस ख़राब हो जाने पर वह सरकारी पैसे से कोई बड़ी खराबी होने पर उसकी मरम्मत तो दूर पंचर तक बनवा सके।वही देर रात पंचर हो जाने पर जब बस के कंडक्टर ने रोडवेज अधिकारी से बस के पंचर हो जाने की बात कही और यह भी बताया कि पंचर बनवाने मे लगभग ग्यारह सौ (1100/-) रुपये का खर्चा आयेगा।तो उसका कोई हल निकलने के बजाये सम्बंधित अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुये हाथ खड़े कर दिये।
वही बस मे सवार यात्रियों का कहना है कि अधिकारी ने बस बनवाने के बजाय कंडेक्टर से यात्रियों को रूट की अन्य बसों मे ट्रांसफर करने की बात कही। वही देर रात बस ख़राब हो जाने से बस मे सवार सभी यात्रियों महिलाओं व छोटे छोटे बच्चों की परेशानी को देखते हुये, बस के यात्रियों ने आपस मे चंदा चंदा मिलाकर ग्यारह सौ रुपये कंडेक्टर को दिये जिसके बाद बस का नया टियूब लगवाया गया और बस वहाँ से रवाना हुई। इस घटना को देखकर आप सब खुद अंदाज़ा लगा सकते है कि सरकार जनता के अधिकारों के लिये कितनी सजग है।