संगम की रेती पर कमिश्नर की यजमानी में किया गया पूजा पाठ, विधि विधान से शुरू होगा माघ मेला
संगम की रेती पर जनवरी 2024 में आयोजित होने वाले माघ मेले को लेकर संगम तट पर गुरुवार विधि विधान से गंगा पूजन किया गया। गंगा पूजन कर माघ मेले के सकुशल संपन्न होने की मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती से कामना की गई। गंगा पूजन में तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ दुग्ध अभिषेक कराया और संगम तट पर मां गंगा की भव्य आरती की गई।
गंगा पूजन में यजमान के रूप में कमिश्नर विजय विश्वास पंत,डीएम नवनीत सिंह चहल, पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह चौहान, मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद, एसएसपी माघ मेला राजीव नारायण मिश्र और डीसीपी सिटी दीपक भूकर के साथ ही मेले की तैयारी से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। गंगा पूजन में मेले के आयोजन से जुड़े अफसरों के साथ ही मेयर गणेश केसरवानी और किन्नर कल्याण बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य स्वामी कौशल्यानंद गिरी उर्फ़ टीना मां समेत कई संत महात्मा और तीर्थ पुरोहित गंगापूजन में शामिल हुए।
हर साल माघ मेले से पहले गंगा पूजन किए जाने की परंपरा है। गंगा पूजन के बाद माघ मेले की तैयारियां तेज हो जाती हैं। इस बार माघ मेले की शुरुआत 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान पर्व से हो रही है। दूसरा स्नान पर्व 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा का होगा। इसी के साथ कल्पवास का संकल्प लेकर हजारों कल्पवासी कल्पवास की भी शुरुआत करेंगे।
तीसरा स्नान पर्व मौनी अमावस्या 09 फरवरी, चौथा स्नान पर्व बसन्त पंचमी का 14 फरवरी , पांचवां स्नान पर्व माघी पूर्णिमा 24 फरवरी को होगा। माघी पूर्णिमा के साथ ही कल्पवासी कल्पवास पूरा कर अपने घरों को लौटेंगे। जबकि 8 मार्च को महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व के साथ माघ मेले का समापन होगा।
गौरतलब है कि सीएम योगी ने इस बार के माघ मेले को 2025 में होने वाले कुंभ के रिहर्सल के तौर पर आयोजित करने का निर्देश दिया है। जिसके चलते इस बार माघ मेले में कई नए प्रयोग भी किया जा रहे हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष और कमिश्नर विजय विश्वास पंत के मुताबिक 2024 का माघ मेला पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री होगा।
इसके साथ ही इस बार के माघ मेले में मिट्टी के बर्तनों और दोना पत्तल को बढ़ावा दिया जाएगा। उनके मुताबिक माघ मेला 768 हेक्टेयर में बसेगा। इस बार एक अतिरिक्त सेक्टर बनाया जाएगा। माघ मेले में पांच के बजाय 6 सेक्टर बनेंगे। जबकि इस बार एक अतिरिक्त पांटून ब्रिज भी बनेगा। यानी इस बार माघ मेले में पांच के बजाय छह पांटून ब्रिज बनेंगे।
माघ मेले में पहली बार सोलर हाइब्रिड लाइटों का प्रयोग किया जाएगा। इसका प्रयोग सफल रहने पर कुंभ मेले में इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल होगा। कमिश्नर के मुताबिक इस बार माघ मेले में सफाई व्यवस्था प्रयागराज मेला प्राधिकरण के जिम्मे होगी। स्वास्थ्य विभाग को सफाई व्यवस्था से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि माघ मेले की तैयारियों की लगातार समीक्षा की जा रही है और समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
वहीं माघ मेला एसएसपी राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं,साधु-संतों और कल्पवासियों की सुरक्षा के लिए भी व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। उनके मुताबिक इस बार एक थाना और एक फायर स्टेशन की संख्या बढ़ाई.जा रही है।
इस बार माघ मेले में 14 थाने और 14 फायर स्टेशन बनेंगे। जबकि तीन चौकियों की संख्या भी बढ़ायी जाएगी।
मेले में कुल 41 पुलिस चौकियां बनेंगी। इस बार भी माघ मेले पर सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी होगी। स्नान घाटों पर जल पुलिस के साथी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम में तैनात होगी।
माघ मेले में किसी भी थ्रेट इनपुट को देखते हुए एटीएस व यूपी एसटीएफ के साथ ही आर ए एफ की भी तैनाती की जाएगी। माघ मेला एसएसपी के मुताबिक माघ मेले में पुलिस पीएससी होमगार्ड पीआरडी को मिलाकर लगभग 5000 जवानों की तैनाती की जाएगी।
जिन्हें माघ मेले से पहले प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। माघ मेले में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सिविल ड्रेस में एसओजी और एसटीएफ के जवान भी तैनात किए जाएंगे।