धुनकर आयोग के गठन की मांग को लेकर देश व्यापी आंदोलन शुरु, महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कर जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
लखनऊ। जमीयतुल मंसूर द्वारा धुनकर आयोग के गठन की मांग को लेकर आज से पूरे देश मे जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री और सारे प्रदेशो के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन देने की शुरुआत की गई है।
लखनऊ में आज जमीअतुल मंसूर के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्यमंत्री जावेद इकबाल मंसूरी,राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूर्व राज्यमंत्री हाजी आर ए उस्मानी ने जी पी ओ पार्क में गाँधी प्रतिमा पर मालार्पण करने के बाद जिलाधिकारी लखनऊ को ज्ञापन देकर इस आंदोलन की शुरुआत की। यह आंदोलन पूरे देश आगामी 10 दिनों तक चलेगा, उसके बाद आंदोलन के अगले चरण का एलान किया जायेगा।
लखनऊ में ज्ञापन देने वाले अन्य नेताओ में जमीअतुल मंसूर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुश्ताक मंसूरी,अजीज मंसूरी,जिला अध्यक्ष फारुख मंसूरी,आकिब इकबाल आदि लोग शामिल थे।
ज्ञापन में कहा गया है मुस्लिम समाज की आबादी में सबसे बड़ी आबादी मंसूरी समाज के लोगो की है,लेकिन आज भी समाजिक रूप से मंसूरी समाज हर क्षेत्र में पिछड़ा है।
मंसूरी समाज के आर्थिक रूप से पिछड़ने का मुख्य कारण मंसूरी समाज के पुस्तैनी रुई धुनने के कारोबार ,उद्योग को अभी तक वह सुविधाएं नही मिली है जो दूसरे कारोबार, उद्योग को मिलती रही है।सरकारी उपेक्षा के कारण मंसूरी समाज के पुस्तैनी कारोबार रुई धुनने पर पूंजीपतियो का कब्जा होता जा रहा है सरकार धुनकर समाज को वह सुविधाएं नही दे रही है जो दूसरे समाज के लोगो को उनका पुस्तैनी कारोबार बचाने के लिए दे रही है इस लिए सरकार धुनकर समाज की समस्याओं ,उनके पिछेड़ेपन को दूर करने के लिए धुनकर आयोग का गठन कर इस समाज की समस्याओं से अवगत हो और धुनकर समाज को कारोबार ध्उद्योग करने के लिए रूई धुनने की आधुनिक मशीनों खरिदने के लिए सब्सिडी लोन,बिजली सब्सिडी समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए ताकि धुनकर समाज भी अन्य समाज की तरह तरक्की कर सके और वह भी समाज की मुख्यधारा में जुड़ सके।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार जिस तरह बुनकरों को अपना उद्योग लगाने के लिए बिजली में सब्सिडी व अन्य सुविधाएं देती है उसी तरह धुनकर समाज को भी वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराये जो बुनकरों को उपलब्ध है,इसके लिए सरकार जल्द ही किसी पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में धुनकर आयोग का गठन कर धुनकर और मंसूरी समाज की समस्याओं का अध्यन करा लें।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार जिस तरह बुनकरों को अपना उद्योग लगाने के लिए बिजली में सब्सिडी व अन्य सुविधाएं देती है उसी तरह धुनकर समाज को भी वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराये जो बुनकरों को उपलब्ध है,इसके लिए सरकार जल्द ही किसी पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में धुनकर आयोग का गठन कर धुनकर और मंसूरी समाज की समस्याओं का अध्यन करा लें।
जमीअतुल मंसूर के राष्ट्रीय महासचिव शहजाद मंसूरी ने बताया उत्तर प्रदेश,बिहार,मध्य्प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक,तेलगांना, छत्तीसगढ़, दिल्ली,उत्तराखंड, असम,बंगाल, गुजरात,झारखंड आदि प्रदेशो में ज्ञापन देने का यह आंदोलन 10 दिनों तक चलेगा।